◼️Breaking News….. DGP डीएम अवस्थी साहब के आदेशों का आखिर असर क्यों नहीं होता है , राजनांदगांव पुलिस अधीक्षक एवं थाना प्रभारी खैरागढ़ पर ?
◼️ डीजीपी द्वारा जारी आदेशों की अनदेखी कर आखिर क्यों और कब तक उड़ाते रहेंगे धज्जियां।
◼️ DGP द्वारा कई बार जारी किया जा चुका है अवैध शराब जुआ सट्टा पर कठोर कार्यवाही करने का शख्त आदेश।
◼️एक दिन पूर्व ही इस सबन्ध में लगाई थी जमकर पुलिस अधीक्षकों को फटकार, जिसके बाद भी नहीं हुवा इन पर असर।
रायपुर / राजनांदगांव / खैरागढ़ । प्रदेश में बढ़ते अपराध पर नियंत्रण पाने में फेल रहने वाले पुलिस अधीक्षकों को डीजीपी डीएम अवस्थी ने जमकर फटकार लगाई। डीजीपी ने दो टूक कहा कि जिलों में अपराध पर लगाम लगाएं। प्रिवेंटिंग पुलिसिंग से अपराधों में कमी आएगी। अपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस अधीक्षक स्वयं ऐसे पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाएं, जिनका सूचना तंत्र मजबूत हो।
【DGP】अवस्थी ने बैठक में पुलिस अधीक्षकों को लागाई खूब फटकार:― अवस्थी ने कहा कि शराब की अवैध बिक्री एवं परिवहन बिल्कुल नहीं होना चाहिए, ऐसा पाए जाने पर संबंधित क्षेत्र के पुलिस अधिकारी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। एक तरफ डीजीपी साहब द्वारा लगातार पुलिस मुख्यालय में अपने अधीनस्थ समस्त उच्च अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें आदेश जारी कर शख्त हिदायत देकर अपराध पर अंकुश लगाने कही जा रही है।
किंतु वहीं एकमात्र राजनांदगांव जिला अंतर्गत खैरागढ़ थाना प्रभारी पर DGP साहब के आदेश का कोई भी असर नहीं हुवा और न ही पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव पर हो रहा है । ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि DGP साहब द्वारा इस सत्र में कई बैठक ली गई जहाँ पर उनके द्वारा अपने पुलिस अधिकारियों को कई बार उक्त आदेश जारी कर अवगत करवाया जा चुका है । जिसकी जानकारी आमजन को सोशल मीडिया एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से देखने पड़ने को आये दिन मिलती है, जिसकी जमीनी स्तर पर वास्तविकता देखने हमारी सियासत न्यूज की टीम ने जांच पड़ताल की है तथा समय समय पर अवैध कारोबारियों के अवैध कारोबार की स्टिंग कर कई खुलासे किए हैं । जिससे DGP साहब के थाना प्रभारीयों की पोल खुली है। ऐसा ही हमने इस बार खैरागढ़ के बाजार अतरिया में सोमवार को अवैध शराब विक्रेता एवं कोचियाओं का स्टिंग ऑपरेशन किया । जिनके तार छुईखदान के शंभु नामक व्यक्ति से जुड़ा है सूत्रों की माने तो उक्त व्यक्ति द्वारा खैरागढ़ थाना को 100000₹ लाख रुपये महीना दिया जाता है जिसके एवज में यह अवैध शराब तस्करी कर बाजार अतरिया के कोचियों को रोजाना 20 से 25 पेटी अवैध शराब पहुंचकर दे रहा है। हमारे द्वारा बाजार अतरिया क्षेत्र कई जगहों का स्टिंग किया जहां पर दर्जन भर युवक कोचिया के रूप में अवैध शराब बिक्री कर रहे थे । कई युवक सट्टा लिख रहे थे। तो कहीं पर युवकों द्वारा गांजा बेचा जा रहा था ।
खैरागढ़ थाना अंतर्गत आसपास क्षेत्र को गांजा, शराब, सट्टा और जुआ के कारोबार ने पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले लिया है। खैरागढ़ पुलिस कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। नगर सहित ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत बाजार अतरिया में विगत कई वर्षों से जुआ-सट्टा संचालित करने वालों के हौसले काफी बुलंद हैं । खैरागढ़ पुलिस थाना प्रभारी के संरक्षण के चलते यहाँ के असमाजिक तत्वों के द्वारा बेखौफ होकर यहाँ सट्टा , गांजा , शराब का अवैध कारोबार किया जा रहा है । सूत्रों की माने तो इसका प्रमुख कारण यहाँ के अवैध कारोबारियों से पुलिस की आपस में सांठ गांठ है। इनसे महीना के एक से 10 तारीख के बीच अवैध कारोबार के सौदागारों से लाखों की बाहरी चढ़ावा चढ़ाया जाता है। तो भला कार्यवाही क्यों करेंगे , भला अपने पेट पर कोई लात मारता है कया ?
यही कारण है कि यहाँ धड़ल्ले से अवैध शराब ताश जुआ सट्टा का कारोबार फल फूल रहा है। जुआ-सट्टा के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करने का दावा तो कई बार कर चुकी है , लेकिन उसके बाद भी लगाम नहीं लगा पाई है।
सियासत न्यूज़ ने सोमवार को खबर प्रकाशन की थी जिसके बाद भी सबन्धित थाना क्षेत्र अधिकारी द्वारा किसी तरह का कोई भी कार्यवाही नहीं किया गया। जिस युवक का शराब बिक्री करते हुए सियासत न्यूज़ ने स्टिंग कर वीडियो बनाई थी उसके द्वारा सुबह होते ही पुनः बाजार अतरिया में अवैध शराब बेखौफ होकर बिक्री करना शुरू कर दिया गया , जो देर रात्रि तक करता रहा ।
आश्चर्य की बात तो यह है कि ,यहां के सटोरियों और जुआरियों के कारनामों को जानने के बाद भी खैरागढ़ पुलिस और राजनांदगांव के आला अधिकारी अभी तक चुप्पी साधे बैठे हैं। यही वजह है कि अवैध कारोबार जिला सहित खैरागढ़ एवं आसपास के क्षेत्रों में अमर बेल की तरह फल-फूल रहे हैं। अब तो आलम यह है कि खैरागढ़ और बाजार अतरिया में अवैध शराब , गांजा , सट्टा खाईवालों की लंबी फौज खड़ी हो गई है
उच्च अधिकारियों को दिखाने के लिए कभी-कभार पुलिस दो-चार छोटे एजेंटों , कोचियों , को पकड़ कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेती जबकि हकीकत यह है कि आज भी इस अवैध कारोबार के बड़े मछलियां कानून के गिरफ्त से बाहर चल रहे हैं।