मोहब्बत में सब काम जायज है, जहां चाह है वहां राह है….
उपन्यास― पांडादहिया वाले बाबू ……
आज सुबह अचानक मौषम में बदलाव क्या हुवा तो पांडादहिया वाले व्यंग्यकार बाबू का मन सर्द बारिश का मजा लेने का हो चला। फिर क्या था जनाब व्यंग्यकार बाबू अपनी फटफटिया पर सवार होकर निकल पड़े। बारिश की शीतल ठंडी हल्की हल्की बून्द उनके माथे को चूम रही थी। वहीं सूरज की तेज गर्मी कहीं गुम हो चला था। पर सुबह का समय था जो दीप की तरह उजाला बिखेरे हुए था। व्यंग्यकार बाबू इसका आनंद ही आनंद ले रहे थे की अचानक इनकी नजर एक खेल के मैदान पर पड़ गयी जिसे आप भविष्य का स्टेडियम भी कहेंगे तो चलेगा। खैर…
जिसकी कारीगिरी की सुंदरता देख व्यंग्यकार को भी भा गया। जहाँ पर सैकड़ों ट्रिप मिट्टी ठेकेदार के द्वारा डाली गई थी। जिसे मैदान को समतल करने डाला गया है। व्यंग्यकार को मिट्टी की खुश्बू भा गयी उन्होंने नायाब मिट्टी की खोज शुरू कर दी अंततः उन्हें ये मिट्टी एक तालाब के अंदर का मिला, जिसे वही ठेकेदार खुदाई करके बाहर निकाल रहा था। फिर क्या था , मिट्टी को मिट्टी में मिलाने का एक अनूठा तिलिस्म भी देखने को मिला । यह सब देख कर एक फ़िल्म का गीत याद आ गया जिसका नाम था “हम किसी से कम नहीं” जिसमें बतौर अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन , अभिनेता अजय देवगन तथा महानायक अमिताभ बच्चन जी थे। जिस पर फिल्माया एक गीत के बोल थे ….. “ये क्या हो रहा है। ये क्या हो रहा है” भई, ये क्या हो रहा है।” प्यार हो रहा है, भई प्यार हो रहा है। “प्यार हो रहा है” भई,” प्यार हो रहा है।”
वाकई ठेकेदार के प्रति उस अभियंता का प्रेम मुझसे देखे नहीं बन रहा था। क्या कहें प्रेम की महिमा ही अपरंपार होती है। जहां प्यार है वहां पर सब कुछ माफ होता है। वैसे प्यार किया तो डरना क्या। वाकई प्यार व्यक्ति को बहुत ताकतवर और अति आत्मविश्वासी बना देता है। सृष्टि के इस महत्वपूर्ण शब्द प्रेम में इतनी ताकत है कि ये दुनिया के सभी जायज और नाजायज कार्यों को कराने की शक्ति अपने हाथ में रखता है। प्यार में मरने वालों को दुनिया हमेशा-हमेशा तक याद रखती है।
लैला-मजनूं, शीरी-फरहाद, के किस्से कहानियों को पढ़ते-पढ़ते सालों गुजर गए और गुजर जाएंगे। प्यार नामक इस चिड़िया को समझना कोई आसान नहीं है, जिसे होता है, वही इसके मर्म को समझ सकता है। कहते है ना …. प्यार मुर्दे में भी जान फूंक देता है वही कमजोर को भी हिम्मत वाला बना देता है और इसी हिम्मत की बदौलत ही तो प्यार करने वाले कुछ भी कर गुजर जाते हैं। प्यार व्यक्ति को इस कदर दीवाना कर देता है , कि विषकन्याएं इसकी गवाह रही हैं। बड़े-बड़े राजा महाराजा और सम्राटों के साम्राज्यों को भी उन्होंने अपने प्यार के चंगुल में फंसाकर किस तरह धराशाही कर दिया। प्यार वाकई में बड़ी ही प्यारी चीज है।
कहते है काले सांप का डंसा व्यक्ति पानी मांग सकता है लेकिन प्यार में फंसा व्यक्ति पानी तक नहीं मांग सकता। रुपए-पैसो से प्यार की दीवानगी की हद इतनी नहीं आंकी जाती जितनी अन्य चीजों से प्यार करने वालों की आंकी जाती है। प्यार में सब कुछ जायज है, नाजायज कुछ भी नहीं। चाहे डीएनए की जांच करवा ली जाए। उसमें से नाजायज कुछ निकल ही नहीं सकता? आखिर प्यार दां मामला है, प्यार किया तो डरना क्या…। हमारे उपन्यास के पात्र के नाम कुछ इस प्रकार हैं जिनके जीवन से जुड़ी प्रेम की गाथा को हम आप सभी को प्रस्तुत कर रहे हैं।……
शेष …. अगले अंक में….