वर्तमान माहौल की चकाचौंध ने युवकों को बना डाला है अपराधी….
नितिन कुमार भांडेकर―
खैरागढ़। खैरागढ़ विधानसभा को जिला बनाये जाने की घोषणा को अभी ठीक से कुछ ही माह बिता है कि अपराध जगत में अपराध का ग्राफ दिन ब दिन थाने के रजिस्टर में बढ़ता ही चला जा रहा है। खैरागढ़ थाना द्वारा निंरन्तर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अपराधों के सबन्ध में जानकरी दिया जा रहा है। वहीं समय समय पर प्रेस कांफ्रेंस पे प्रेस कांफ्रेंस लेकर भी अवगत करवाया जाता है। खैर…..
कहीं मारपीट कर लूटपाट की वारदात का अपराधिक मामला हो या , अवैध शराब तस्करी का , अवैध गांजा तस्करी का , विभिन्न अपराध हो या हत्या जैसे बड़े अपराध का मामला हो , आये दिन खैरागढ़ पुलिस अपराध पर नियंत्रण करने हेतु कठोर कार्यवाही कर रही है। एक माह पूर्व हमारे खैरागढ थाना प्रभारी पांडेय जी से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हमारी मुलाखात हुई। शिस्टाचार निभाते हुए हमने भी अपराधों को लेकर उनसे कई सवाल दागते हुए फार्मेलटी निभा दिया। आप सभी पाठकों को साहब का उत्तर सुनकर आश्चर्य होगा की साहब ने मेरे द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब अपने अंदाज में ही दिया। अपराधों पर अंकुश लगाने मारपीट कर लूटमार करने वाले कुछ युवकों को काफी मशक्कत कर धर दबोचे जाने की जानकारी दी गयी। खैर…
खैरागढ़ थाना के सभी पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों को इस सफलता हेतु हम बधाई देते हैं जिन्होंने ऐसी घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को सुनियोजीत ढंग से तरकीब लगाकर आरोपियों के हाथों में हथकड़ी पहनाई। आखिर आजकल के नवयुवक अपराध जगत में क्यों रख रहे कदम? इसका जवाब टीआई नीलेश पांडेय ने देते हुए बताया की अपराध कई पहलुओं में है जिसे अगर मैं लिखने बैठा तो शायद आप इतना लंबा लेख कतई नहीं पढ़ेंगे , इस लिए मैं उनकी बातों को संक्षिप्त शब्दों में वर्णन करते हुए बस इतना ही लिखना चाहूंगा कि आप चाहे कितने भी गरीब क्यों न हों आप अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दें ताकि उनमें मेहनत करके एवं इमानदारी से धन अर्जित कर अपने परिवार का पालन पोषण करने की समझ आ सके। अच्छी शिक्षा ही समाज में व्याप्त कुरूतियों एवं दुर्व्यसन को समाप्त कर सकता है।
किंतु वर्तमान में जो परिवेश व्याप्त है उसे देखकर तो लगता है कि आखिर वादे सच हैं या हम झूठे..? गरीब का बच्चा जब अमीरों के बच्चों को महंगे मोबाइल , कपड़े, बाइक, जैसे तरह तरह के संशाधनों से लैस देखता है तो उसके मन में भी ये सब भाव उतपन्न होता है कि मैं भी ये अब पहनूँ या खरीदूं! यदि किसी निम्न वर्ग के युवक की उच्च तबके के यूवकों से मित्रता हो जाती है तो वह न चाहकर भी अपनी मित्रता को बरकरार रखने महंगे मोबाइल , कपड़े , बाइक का शौक कर बैठता है। जो उसके बस में खरीदना नामुमकिन होता है। बस यहीं से शुरुवात होता है एक गलत सोच की उपज जिसके चलते वह अपनी इच्छा एवं लालच , या मजबूरी के वश में गलत एवं नियम विपरीत तरीका एखतिहार करके जाने अनजाने में ऐसा कृत्य कर बैठता है जो कानून की नजर में अपराध है।
कानून की सही जानकरी हमें तभी होती है जब हम एक अच्छी शिक्षा प्राप्त किये रहते हैं या हमारी संगति सज्जनों से होती है। या तो हमारे चारों तरफ के परिवेश में संस्कारी एवं शिक्षित लोग रहते हैं । जिन आरोपीयों को पुलिस ने बड़ी मेहनत एवं सूझबूझ से पकड़ा था वह अपराध जगत में कदम रखने वाले नौसिखये आरोपी थे जो पिछले कुछ माह पूर्व में मंडला मार्ग में रात के अंधेरे में राहगीरों से लूटपाट करने की वारदात को अंजाम देते थे । पुलिस ने उन युवकों को धर दबोचा और उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया ।
किन्तु विचारणीय है कि आखिर युवकों के द्वारा आये दिन विभिन्न अपराध किया जा रहा है जिसके पीछे क्या कारण है? पांडेय जी ने शायद खबर से हट कर लिखने हेतु एक नया लक्ष्य दे दिया । आज उनके उच्च अधिकारियों के निर्देश एवं मार्गदर्शन में पुलिस टीम के द्वारा नशे से मुक्ति हेतु निजात कार्यक्रम चलाया जा रहा है जो हमारे नगर में वाकई सराहनीय है। मैं उनकी तारीफ करके उनकी महिमा बखान करके कोई चाटुकारिता नहीं कर रहा हूँ। ये लेख सिर्फ एक सोच है जो हम सबको पढ़ना चाहिए। खबर तो प्रतिदिन बनते हैं किंतु उस पर अभिव्यक्ति जानना और देना बहुत कम होता है। वर्तमान में ज़्यादातर अपराध नशे की आदत या नशे की वजह से ही घटित हो रही है। खैरागढ पुलिस द्वारा चालया जा रहा निजात कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के हित में है।