⬛ एक को जेल दूसरे को खुली छूट⬛
◾नगर के एक कबाड़ व्यापारी पर कार्यवाही करके, दूसरे सबसे बड़े कबाड़ी व्यापारी मनीष सिंह को क्यों छोड़ दिया। आखिर इतनी मेहरबानी क्यों ?
▪️सियासत राजनीति न्यूज़ द्वारा सबूत के साथ वीडियो भेजने पर , राजनांदगांव एएसपी मैडम बोली मैं दिखवाती हूँ।
▪️खैरागढ़ नगर के उमराव पुल से सटे स्टेट हाईवे और अन्य जगहों पर बेखौफ चल रहा इसका गोरखधंधा।
संपादक : नितिन कुमार भांडेकर
⬛ राजनांदगांव / खैरागढ़। खैरागढ़ शहर में एक धंधा ऐसा है, जो चोरों का हौसला आजकल बढ़ाये हुए है। चोर रातों-रात चोरी का माल नगर के कबाड़ियों तक पहुंचाते हैं और रात में ही चोरी के समान का पेमेंट भी हो जाता है। मजे की बात तो यह है कि कारोबार में बेहिसाब कमाई के बाद भी सरकारी तंत्र कोई दखल नहीं देता। हम बात कर रहे हैं खैरागढ़ शहर में अवैध तरीके से चल रही कबाड़ के दुकानों की। जो बगैर अनुमति के यहाँ पर धड़ल्ले से चल रही है। इन दुकानों पर सरकारी तंत्र का कोई नियंत्रण नहीं है। शहर में आधा दर्जन से ज्यादा कबाड़ के दुकानें हैं, जो लाखों रुपए महीने कमा रहे हैं। इन दुकानों में कबाड़ खरीद-बिक्री की न तो रसीद होती है और न कोई रिकार्ड। चोर कहीं से भी सामान चोरी कर लाते हैं और दुकान में खपा देते हैं। इससे चोरों का हौसला बढ़ता जा रहा है। हैरत की बात तो यह है कि इस व्यवसाय में पुलिस और प्रशासन का कोई रोकटोक नहीं हो रहा है। प्रशासनिक ढिलाई के चलते जिले में बाहर से आए लोग इस व्यवसाय में सक्रिय नजर आ रहे हैं। लोहे के सामान, घरेलू उपयोग के सामान दलालों के माध्यम से खरीदकर लाखों रुपये कमा रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले नगर में एक मोबाइल दुकान में चोरी हुई । इससे पहले पानी मोटर का यंत्र चोरी हुवा । पुलिस चोर को तो पकड़ लेती है, लेकिन चोरी हुई समान की जप्ती नहीं कर पाता। देखा जाए तो कबाड़ी दुकानदार नए चोरों को पैदा कर रहे हैं।
▪️बना रहे बाल मजदूर:― कबाड़ का कारोबार करने वाले एक तरह से बाल मजदूरी को भी बढ़ावा दे रहे हैं। खैरागढ़ में कई ऐसे इलाके हैं, जहां गरीब वर्ग के बच्चें गली-मोहल्लों में घूम-घूमकर कबाड़ जुटाते हैं। दिनभर बोरी लेकर सड़कों और कचरों की खाक छानते रहते हैं। शराब की खाली बोतलें इकट्ठा कर कबाड़ दुकानों में बेचते हैं। कबाड़ियों द्वारा बच्चों को और बढ़ावा दिया जाता है, ताकि इनका व्यवसाय फल-फूल सके। ऐसे बच्चों के मां-बाप भी कबाड़ और कचरा चुनने के लिए भेज देते हैं।
▪️कैसे मिलता है लाइसेंस:― कबाड़ दुकानों को लाइसेंस जारी करने के लिए कोई स्पष्ट नियम नहीं है। इसे लेकर जिला के सक्षम अधिकारी से बात की गई। लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला। विभागीय अधिकारियों की मानें तो कबाड़ व्यवसायियों को सेल टैक्स विभाग और नगर निगम भी व्यापार करने के लिए लाइसेंस जारी करता है। वहीं सेल टैक्स के एक पदाधिकारी से भी बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि कबाड़ी गोदाम को कई तरह के लाइसेंस लेने पड़ते हैं, जिसमें, बेचने के लिए सेल टैक्स विभाग से, सप्लाई करने के लिए सप्लाई , विभाग से और मापतौल करने के लिए वेट मेजर विभाग से भी लाइसेंस लेना पड़ता है। साथ ही 100 किलो कबाड़ स्टॉक करने के बाद उसे तुरंत बेचने का आदेश हैं। वहीं कबाड़ी दुकान स्टॉक को 100 किलो से कई गुणा अधिक जमा रखता है। नियमों के स्पष्ट नहीं होने के कारण ही यह दो नंबर का कारोबार खुलेआम प्रशासन की नाक के नीचे चल रही है।
▪️राजनांदगांव जिला मुख्यालय एएसपी प्रज्ञा मेश्राम :― असंवैधानिक कार्य करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा । खैरागढ़ नगर में अवैध कार्य करने वाले कबाड़ी के व्यापारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। कुछ रोज पहले एक कबाड़ी व्यापारी पर कार्यवाही हुई है । आप मुझे वीडियो भेजो मैं कार्यवाही करवाती हूँ। राजनांदगांव जिला मुख्यालय एएसपी प्रज्ञा मेश्राम ने ये बातें सियासत राजनीति अखबार से बात करने पर कही।