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▪️मेरे पति की जिस तरह से रहस्यमय ढंग से हत्या की गई है , वैसे ही मेरी भी जान की खतरे की आशंका है : विभा सिंह ( दिवंगत देवव्रत सिंह की पत्नी )
नितिन कुमार भांडेकर ― संपादक: ( सियासत राजनीति अखबार )
खैरागढ़। राजा देवव्रत के निधन के बाद से अब कमल विलास पैलेस में रोजाना आरोप और प्रत्यारोप का सिलसिला जारी हो रहा है। आलम यह है कि उनसे जुड़ी कुछ निजी बातचीत की कथित ऑडियो जानकारियां उनके निधन के बाद से अब धीरे धीरे सार्वजनिक हो रही है। जो राजमहल से बहुत कुछ राज बहार निकाल कर सोशल मीडिया के सावर्जनिक प्लेटफार्म पर उनके ही शुभचिंतकों द्वारा एक दूसरे के छवि धूमिल करने के आशय से परोशा जा रहा है। बहरहाल उक्त कथित ऑडियो को किसने वायरल किया और क्यों किया ये तो हमें पता नहीं , किंतु इससे यह तो स्प्ष्ट अवश्य हो रहा है कि कोई है जो उक्त ऑडियो को वर्तमान समय में ऐसे हालातों पर वायरल कर है जिसका उद्देश्य संदेहास्पद तथा पूर्व में ही सोची समझी चाल है। अचानक उक्त ऑडियो का वायरल करना कई सवालों को खड़ा कर रहा है। जिससे बहुत बड़ी साजिश की बू आता नजर आ रहा है। जो राज दफन हो चुके हैं उसे अचानक सावर्जनिक करने का जो सिलसिला कुछ अज्ञात लोगों द्वारा कुछ दिनों से सोशल मीडिया में वायरल करने का चल रहा है । कहीं न कहीं यह एक सोची समझी साजिश लग रही है। जैसे पुरानी शिकायत पत्र की दस्तावेज की पीडीएफ देखने को मिल रहा है । इन सब हथकंडों की गहराई में जाकर रहस्य से पर्दा उठाने हेतु हमने उक्त तथ्यों की असलियत जानने हेतु दिवंगत राजा देवव्रत सिंह की पत्नी विभा सिंह से सीधे तौर पर बात चीत की। जब हमने उक्त वायरल चीजों के विषय पर उनसे विस्तृत जानकारी लेते हुए बात किया । जिस पर रानी विभा सिंह ने सियासत राजनीति समाचार के संपादक से बात करते हुए यह जानकरी दी है कि , मैं वर्तमान में अपनी दिवंगत पति के निधन के सदमें से बाहर निकल नहीं पा रही हूँ। जिस पर हमने खेद व्यक्त किया। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे हालातों के बाउजूद उनकी पहली पत्नी द्वारा यहाँ पर रोजाना नया – नया बखेड़ा खड़ा किया जा रहा है । राजपरिवार की गरिमा को ठेस पहुंचाया जा रहा है। यहाँ तक के मासूम बच्चों को भी इस पूरे व्यूव में शामिल करते हुए उन्हें भड़काया जा रहा है। जबकि 2016 में ही राजपरिवार से रिश्ता नाता तोड़ कर छोड़कर चली गयी थी। उन्होंने हमारे दिवंगत पति से सशर्त पर करोड़ों रुपये लेकर तलाक लिया है। पर राजा साहब के निधन के बाद से अब वो महल में अनुचित ढंग से रह रही हैं जबकि पदमा का यहाँ पर कोई अधिकार नहीं है। अब वो हमारे परिवार का हिस्सा नहीं है। जो कि अब बच्चों का आड़ लेकर परिवार का सदस्य बनने की पुरजोर कोसिस कर रही हैं। मेरे दिवंगत पति के निधन के पूर्व भी वो मेरे पति से समय समय पर पैसे लेती रहती थी। जिस बात को लेकर अक्सर मेरी कहासुनी राजा साहब के साथ अक्सर होती ही रहती थी। जिसने आपसे करोड़ो रूपये लेकर आपको तलाक दे दी अब आप उसके पीछे क्यों पड़े हो। चूंकि राजा साहब से उन्होंने नियमतः करोड़ों रुपये लेकर दिल्ली के कोर्ट में तलाक दे दी थी। अब जब राजा साहब इस दुनिया में नहीं रहे तो उनका इस परिवार एवं उनके किसी भी चीज पर पदमा का किसी भी तरह से कोई अधिकार नहीं बनता । फिर वो किस आधार से यहाँ अपने पैर टिकाए हुए है। ऊपर से आये दिन मेरे साथ किसी न किसी तरह से वाद विवाद किया जा रहा है यहाँ तक के मुझे महल से निकलाने की भरपूर कोसीस भी की गई है, और किया जा रहा है। मैं विभा सिंह दावे के साथ यह कहती हूँ कि यहाँ के कुछ लोगों के द्वारा बहुत बड़ी साजिश रची गई थी । जिस कारण से मेरे पति अब इस दुनिया में नहीं है। सीधे तौर पे मैं विभा सिंह यह कहती हूँ कि मेरे दिवंगत पति राजा देवव्रत सिंह की हत्या की गई है । क्योंकि वो शारीरक रूप से स्वथ्य थे। और उनकी हत्या महल से तालुकात रखने वाले कुछ लोगों ने अपने निजी तथा आर्थिक लाभ के चलते किया है। एक तरह से देखा जाए तो ये एक सोची समझी बहुत बड़ी साजिश है ।जिस पर बहुत से लोगों का इसमें हाथ है। और अब मेरी भी हत्या करने की रहस्य मयी ढंग से साजिश रची जा रही है । जिसके कारण मैं काफी डरी हुई हूँ। मेरी कभी भी हत्या की जा सकती है । पद्मा देवी का कमल विलास पैलेस एवं महल के अधीन किसी भी वस्तु पर अब अधिकार नहीं बनता है जिस पर अब वो कुछ लोगों के साथ मिलकर जोरजबरदस्ती करके अधिकार जमाना चाहती है। मैं उनके मनसूबे को कभी भी कामयाब नहीं होने दूंगी। मैं इस लड़ाई को अब सामने आकर शासन प्रशासन की मदद लेकर नियमतः लड़ूंगी। मैं बस इतना कहना चाहती हूँ कि दूसरों पर आरोप लगाने से फहले अपने स्वंय के चरित्र का अवलोकन कर लेना चहिए और हमें ज्यादा बताने की जरूरत नहीं है जनता सब जानती है कि कौन सही है , और किसका अधिकार है। फिलहाल कमल विलास पैलेस में जिस तरह की सियासती रंग पिछले कुछ सप्ताह से रंगा जा रहा है उसके चलते मैं पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव को इस सबन्ध में लिखित में शिकायत पत्र प्रेषित की हूँ। जिसकी छायाप्रति मैं आपको भी दे रही हूँ। अब देखना यह कि प्रशासन इस शिकायत पत्र पर क्या कार्यवाही करता है। किसका पक्ष लेती है ।
फिलहाल अब देखना यह कि प्रशासन इस शिकायत पत्र पर क्या कार्यवाही करता है। किसका पक्ष लेती है ।