*चाँद पर प्लॉट* (हास्य व्यंग्य लघुकथा)
चाँद पर हर साईज में प्लॉट उपलब्ध है।
√ रजिस्ट्री फ्री।
√ कॉर्नर वाले प्लॉट पर दस प्रतिशत अलग शुल्क देना होगा।
√ नियम व शर्तें लागू। (*)
√ अठारह वर्ष से ऊपर वाले ही इस योजना में भाग ले सकते हैं।
चच्चा छप्पन छुरी ने मुँह में पान की गिलौरी दबाई और अपनी ही तरह, काली टेढ़ी छड़ी से अर्ज किया…..
मियाँ!! ये भी कोई बात हुई। हायँ!!!
एक तो चाँद पर प्लॉट, उपर से अठारह साल से ऊपर वालों को!!
अब मेरी आयशा का क्या होगा??
सुनकर, रूठी आयशा तो कुकडू करती, तेजी से दड़बे के भीतर दौड़ पड़ी।
अगले दिन मियाँ हुजूर, अपने पालतू सैफ को साथ लेकर उस जमीन दलाल के दफ्तर पहुँचे।
सैफ तो कोने में पूँछ समेटकर बैठ गया।
लेकिन एजेंट का जवाब सुनकर अति उत्साहित चच्चा तो खड़े के खड़े ही रह गए।
एजेंट ने सवालों की झड़ी लगाते हुए पूछा…..
पहले इस कुत्ते की कुल, जाति, उम्र बताइये।
रिजर्वेशन सिस्टम लागू है।
क्या तुमने शर्तें लागू वाला काला सितारा नहीं देखा?
दरअसल, वह दलाल तो सब्जबाग दिखाने वाले सतचरित्र, खद्दरधारी, टोपीधारी, तीन तीन पेंशनधारी जी थे।
अब मायूस चच्चा तो मंगल ग्रह के प्लॉट की स्कीम के इंतजार में थे।
विक्रम ‘अपना’ नंदिनी-अहिवारा, छत्तीसगढ़