मुख्यातिथि बनी विधायिका यशोदा वर्मा का आमंत्रण कार्ड में नाम न छपवाना , आखिर किसकी गलती है?
वन महोत्सव कार्यक्रम :– ग्राम सिंघौरी में वन विभाग ने चलाया पौधारोपण अभियान जहाँ स्कूल परिसर में रोपे गये हैं 200 पौधे।
खैरागढ़। छ.ग शासन वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग वन मंडल खैरागढ़ अंतर्गत वन परिक्षेत्र खैरागढ़ के द्वारा कुछ रोज पूर्व ग्राम सिंघौरी स्थित शासकीय हाई स्कूल प्रांगण में वन महोत्सव कार्यक्रम काफी जोर शोर से मनाया गया।
हालांकि उक्त ख़बर आपने कुछ रोज पूर्व अख़बारों एवं न्यूज़ पोर्टलों के माध्यम से जरूर पढ़ी होंगी। मैंने भी उक्त खबरें अपने एक मित्र के न्यूज़ पोर्टल में पढ़ी थी। तब से मेरे मन में एक पौधा रोपने की तीव्र इच्छा जागृत हो गयी , परिणाम स्वरुप मैं वन विभाग के कार्यालय जा पहुंचा जहां पर चार पांच कोरे आमंत्रण पत्र एक वन कर्मी बाबू के मेज में रखा हुवा देखा । आमंत्रण पत्र को देखकर हमें बड़ी आतुरता हुई , फिर क्या था हमने एक पत्र उठा कर अपनी भौहें चढ़ा ली। खैरागढ़ वन महोत्सव के नाम पर विभाग द्वारा छपवाए आमंत्रण कार्ड में रेंजर साहब की मनमानी साफ साफ झलक रही थी। एक पल के लिए मुझे यह एहसास होने लगा कि कहीं अचार सहिंता तो नहीं लग गई न… जिस वजह से खैरागढ़ के लोकप्रिय नवनिर्वाचित विधायक का नाम तक नहीं छपवाया गया। फिर याद आया कि अचार सहिंता लगने में तो अभी काफी वख्त है।
खैर…. ताज्जुब की बात है सत्ता सरकार भी लोकप्रिय विधायक महोदया की है, न कि विपक्ष की , फिर वन विभाग की ऐसी क्या प्रोटोकॉल गाइडलाइन में आन पड़ी जिसके कारण वन विभाग अकेले ही महोत्सव में अपना नेम फेम लेने जुट गया।
या ये हो सकता है कि जहां से आमंत्रण कार्ड छपवाया गया हो वहां पर ज्यादा अतिथियों का नाम छपवाने पर प्रिंटर का बिल की राशी अधिक हो जाती , शायद जिसकी भरपाई विभाग नहीं कर पाता।
हम कार्यालय से सोचते हुए परिसर के प्रांगण में आ पहुंचे जहां पर एक बैनर में हमारे दिवंगत राजा एवं पूर्व विधायक राजा देवव्रत सिंह की तस्वीर देखी। अजीब इत्तेफाक था कि प्रांगण में रखा बैनर पूर्व वर्ष के वन महोत्सव के उपलक्ष्य में वन विभाग के द्वारा ही बनवाया गया था जिसमें पूर्व विधायक राजा देवव्रत सिंह की तस्वीर भी लगी हुई थी। यह मंजर देख मुझे तो सब समझ में आ गया कि वर्तमान अधिकारी जनप्रतिनिधियों के प्रति कितना स्नेह एवं सम्मान रखते हैं। खैर… इतना हम क्यों सोचे भाई , सत्ता वाले जाने और इनके चाहने वाले जाने।