करंट लगने से आदिवासी युवक की मौत को विधुत विभाग ने बताया खंबे से गिरने एवं भयभीत होने से हुई है मौत।
AE संदीप सोनी को उक्त घटना के बाद कार्यपालन अभियंता ने कर दिया है निलंबित।
JE सत्यम शर्मा पर अब तक नहीं हुई है विभाग के तरफ से कोई भी कार्यवाही।
आदिवासी समाज ने खैरागढ़ थाने में पहुँचकर AE एवं JE पर अपराध दर्ज करने , किया था माँग।
मृतक संतोष मंडावी ने अपने ठेका सहकर्मीयों सहित AE व JE के सामने तोड़ा था दम।
AE एवं JE के मौजूदगी में खंबे पर चढ़ा था मृतक संतोष मंडावी। AE ने मीडिया को बताया था विधुतीय दुर्घटना हुई है।
कार्यपालन अभियंता छगन शर्मा ने विभागीय जांच प्रतिवेदन खैरागढ़ थाने में देकर मामले को दे दिया नया मोड़….. AE एवं JE को बताया निर्दोष।
नियमों को दरकिनार करते हुए बिना टेंडर जारी किए , ठेकेदार से लेबर लेकर ट्रांसफार्मर शिफ्टिंग का करवाया जा रहा था कार्य ….
ठेकेदार एसडी फर्म के अजय गजेंद्र ने मीडिया को दिया था बयान । JE के कहने पर ठेकेदार ने दिया था अपना मजदूर।
खैरागढ़ विद्युत विभाग के AE और JE पर हो सकता है जल्द अपराध दर्ज ….
बिजली विभाग की घोर लापरवाही से चली गई आदिवासी युवक की जिंदगी।
संवाददाता : नितिन कुमार
स्थान: खैरागढ़
खैरागढ़। 25 मई को खैरागढ़ में हुए आदिवासी युवक संतोष मंडावी की करंट से हुई मौत के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है , जब बिजली विभाग के कार्यपालन अभियंता छगन शर्मा ने थाने में उपरोक्त घटना पर अपनी जाँच प्रतिवेदन भेजी। विभाग के उच्च अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट में यह दावा किया कि आदिवासी युवक की करंट से नहीं बल्कि खंबे की तार गर्म थी जिसके चलते भयभीत होकर नीचे गिर गया एवं नीचे गिरने की वजह से मौत हुई है।
इस मामले में आदिवासी समाज के लोगों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए , खैरागढ़ थाना पहुंच कर बिजली विभाग के अधिकारियों पर नामजद एफआईआर दर्ज करने की मांग रखी थी ।
बहरहाल एक तरफ आदिवासी समुदाय के लोग युवक की करंट लगने से मौत होने की बात कह रहे हैं और इसको लेकर प्रदर्शन और धरना प्रदर्शन भी किए थे। किंतु बिजली विभाग की जांच रिपोर्ट में मौत का कारण कुछ और ही बताया जा रहा है लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि जब करंट से मृतक सन्तोष मंडावी की मौत नहीं हुई है तो , बिजली विभाग के अधिकारी AE संदीप सोनी को सस्पेंड क्यों किया गया? यह एक बड़ा प्रश्न है जो आमजनता के बीच चर्चा में है।
मामले की शुरुवात निश्चल जैन भूस्वामी से होती है जिन्होंने विधुत विभाग में ट्रांसफार्मर शिफ्टिंग हेतु आवेदन दिया था। जबकि जिनके द्वारा मकान निर्माण करवाया जा रहा है उन्होंने उपरोक्त दुर्घटना के बाद भवन निर्माण हेतु नगर पालिका खैरागढ़ को आवेदन देकर NOC की माँग की , जिसे निरस्त कर दिया गया है। या यूं कहें कि उन्हें अभी तक मकान निर्माण हेतु पालिका खैरागढ़ से अनुमति नहीं मिला है। योगेंद्र कर्महे विधायक यशोदा वर्मा के निज सचिव रहे हैं एवं उक्त भूमि उनकी पत्नी के नाम पर है । पत्नी के नाम से ही विधुत विभाग के द्वारा उपरोक्त विधुतीय दुर्घटना के पूर्व करीबन 46 हजार रुपया डिमांड राशी भेजा गया था जिस पर JE सत्यम शर्मा के द्वारा CSPDL कंपनी के नियम विपरीत जाकर डिमांड राशी में ही दस्तखत करते हुए नगदी राशी प्राप्त लिख दिया गया।
आपको बता दें कि उक्त दुर्घटना के तुरंत बाद खैरागढ़ थाना परिसर में एसडी फर्म के सुपरवाइजर कम ठेकेदार अजय गजेंद्र ने मीडिया को बयान दिया था कि AE संदीप सोनी के कहने पर ही उन्होने अपना मजदूर ट्रांसफार्मर शिफ्टिंग के कार्य हेतु दीया था। उपरोक्त कार्य की कोई निविदा जारी नहीं किया गया है और न ही इसे सुपर विजन से करवाया गया है। अधिकारी हैं इस वजह से कोई भी बात कहते हैं तो मानना पड़ता है । ये बोल एसडी फर्म के अजय गजेंद्र के थे।
AE संदीप सोनी से जब मीडिया के द्वारा उक्त दुर्घटना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने खुद बताया कि विधुतीय घटना घटी है जिसमें एक युवक की मौत हुई है। वहीं खैरागढ़ कार्यपालन अभियंता शर्मा से जब मीडिया ने फोन के माध्यम से बात किया तो उन्होंने उक्त मामले में जांच कर अपना प्रतिवेदन भेज देना बताया।
खैरागढ़ थाना प्रभारी अनिल शर्मा के द्वारा बताया गया है कि पूरे मामले में बड़ी कार्यवाही की जाएगी ।
फिलहाल अब देखना यह है कि आदिवासी युवक की मौत वाकई में करंट लगने से हुई है या खंबे से गिरकर हुई है ।