व्यंग्य:― नगर में पार्टी की प्रचार कर रही नाचा पार्टी से सदमें में है आमा – भांटा की पार्टी…
Nitin Kumar Bhandekar
नगर में पार्टी का प्रचार कर रही नाचा पार्टी से आमा-भांटा की पार्टी सदमें में है।
नगर में कुछ सप्ताह बाद उपचुनावी समर है , इस लिहाज से सभी सफेदपोश नेताओं ने अपने-अपने कार्यकर्ताओं के संग चुनावी बैठक लेना प्रारंभ कर दिया है। कुछ तो चुनावी रणभूमि में उतर कर ताबड़तोड़ दौरा भी कर रहे हैं। जिसे देखकर हमारे नगर के एक कोरी वाट्सपिया, फेसबुकिया बंधुओं सहित नौसिखिए नमूनों ने इस पर अब चिंतन-मंथन करना भी शुरू कर दिया है। एक तरफ महल, से लेकर मकान में रहने वाले लोग अब दावेदारी को लेकर राजधानी तक कुच कर रहे हैं। वहीं नेताओं के बंगलों के कई फेरी लगाते हुए नेताओं के अब चक्कर काटते दिख रहे हैं। तो कुछ लोग पार्टी प्रमुख को रिझाने के लिए कई तरह के तरीके एवं योजना बना-बना के विवाह समारोह में शामिल हो रहे हैं। इन्हें देखकर तो ऐसा लगता है की आज भी ये लोग प्रजातंत्र चलाने की फिराक में है। वहीं भांटा पार्टी पुनः राज करने , फरार रहकर भी सक्रिय होते नजर आ रहे हैं। खैर…. ये तो अभी शुरुवात है आगे देखते हैं कि लोकतंत्र के समय में प्रजातंत्र स्थापित होता है या आमा- भांटा का राजतंत्र….
आज सुबह ही अचानक हमारी स्कुटीया अपनी सांसे भरने लगी। कुछ दूर चलने के बाद नगर के पहले ही मोड़ पर हमारी स्कुटीया ने अपना दम तोड़ दिया । भला हो नगर के प्रवेश द्वार के बाद स्तिथ पिट्रोल पंप का , जो 100 कदम पे ही था। अपनी नटखटीया स्कुटिया को पिट्रोल पिलाते वख्त अचानक हमारी आंखों की बैट्री की नजर नाचापार्टी की सुंदर परियों पर पड़ी । जहां पर सफेदपोश नेता खड़े होकर कुछ उन्हें दिशा निर्देश दे रहे थे। हमने भी आव देखा न भाव तबाक से उनके समीप जाकर पूछ लिया। आदरणीय पूरे विधानसभा में काफी चर्चे हो रहे हैं पूरे आपके। नगर के दावेदारों को खूब नाच नचा रहे हो आप, उनका भी जवाब दिलचस्प था। दाउ जी के प्रचार से नगर के भांटा पार्टी सदमें में तो नहीं है न?
हमने भी लगे हाथ बहती गंगा में हाथ धो लिया, फिर क्या था छोटा सा इंटरव्यूव जैसा बातों-बातों में ही उनका ले लिया।
ठाकुर साहब ने कहा― नगर में भांटा पार्टी ने तो पूरा का पूरा रायता ही फैला रखा है। विपक्ष को हो सके तो अब इसे समेटने के लिए के लिए अपने आमा को बुला लेना चाहिए। इनके नेता तो अपनी बुलंद आवाज करके मान मर्यादा भूलकर अपशब्दों का प्रयोग करके सरेआम यह कहते फिरते रहते हैं कि हमने भी पन्द्रह साल राज किया है। हमको गान… माफ कीजिये ! गुंडागर्दी मत सिखाओ बोल रहे हैं… खैर,,,, ठाकुर साहब ने तो विपक्ष की धोती ही खोलकर रख दी। वैसे भी सच ही कह रहे थे ठाकुर साहब। आगे कहते हैं कि विपक्ष ने नगर से लेकर राज्य में राज ही किया है। ऐसा विपक्ष के ही नेता बोल रहे हैं। पर हमारी सरकार आमजनता की सेवा कर रही है। हम अपने मतदाताओं , किसान भाइयों सहित आम जनता के दिलों पे हैं। मुद्दाविहीन विपक्ष आये दिन जो तरह-तरह के हथकंडे अपना करके अपना हाजमा खराब कर रही है। उन्हें फुरशत से अपना पेट साफ करते वख्त ये सोचना चाहिए कि जनता ने इन्हें प्रदेश के 70 विधानसभा सीटों से नकार दिया है। अब नगर में उपचुनाव भी है, जहाँ फिर इन्हें नकारने वाली है। हमारी पार्टी नगर की सीट पर भी कब्जा करके अपने नाम करने वाली है। आगामी चुनाव में ये आंकड़ा और अधिक होगा। जिस हिसाब से हमारे मुखिया सतत रूप से आमजनता के लिए विभिन्न योजनाओं का लाभ देते हुए योजनाओं का पिटारा खोल रहे हैं। नगर में भांटा पार्टी के लोग सरकार पर बेवजह उलूल जुलूल आरोप लगा रहे हैं उसमें विपक्ष कभी भी सफल नहीं हो पाएंगे।
आमा भांटा ने नगर में रायता ही रायता फैलाया है―
आमा-भांटा जब से राज्य में सत्ता के सुख से बाहर हुए हैं , तब से राज्य एवं नगर में उनके और उनके चमचों के पेट में काफी दर्द हो रहा है। उनके पेट का दर्द अब ठीक होने का नाम नहीं ले रहा है। भांटा को लगता है कि नगर में हम कमजोर हैं पर उन्हें पता नहीं है कि नगर के पुरे विधानसभा में दाउ जी की पार्टी अब प्रत्येक बूथ एवं सेक्टर में मजबूत बन चुकी है। हमारी पार्टी के सदस्यों पर आए दिन झूठा आरोप लगा रहे हैं क्योंकि उनके पास अब मुद्दे ही नहीं बचा है।