मेडिकल केमिस्ट (मेडिकल स्टोर्स ) कोरोना काल में ये भी हैं रियल हीरो । सियासत राजनीति न्यूज़ दिल से करती है सैल्यूट……तथा अस्पताल से निकलने वाले बायोमेडिकल कचरे को नष्ट करने में जुटा हर उस मेडिकल स्टाफ को भी सलाम है।
नितिन कुमार भांडेकर (प्रधान संपादक (95890505)
छत्तीसगढ़ । कोरोना वायरस का कहर पूरे देश सहित अब भारत में भी काफी तेजी फैल गया है । सरकारी आंकड़ों के अनुसार रोजाना बहुतयात मात्रा में ये अपना पैर पसार रहा है। इस वायरस से संक्रामित लोगों का आंकड़ा दिन प्रति दिन इतना बढ़ गया है कि अमेरिका के बाद भारत अब दूसरे पायदान में जा पहुंचा है। भारत में इसका संक्रमण सबसे अधिक फैलते नजर आ रहा है । वहीं राहत भरी खबर ये भी है कि रोजाना हजारों मरीज उक्त संक्रमण पर तीव्रता से विजयी होकर रिकवर (ठीक) हो रहे हैं।
इसी बीच यदि हम कोरोना योद्धाओं के बारे में बात करें तो इस कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दिन रात हेल्थ केयर सेक्टर के कई लोग दिन-रात मेहनत कर रहे। लेकिन इस बीच खास बात यह है कि केवल डॉक्टर्स ,नर्स और पुलिस ही नहीं बल्कि इनके बीच दो वर्ग ऐसा भी है जो इन फाइटर से कम नहीं है। जिन्हें हम केमिस्ट , जिन्हें हम मेडिकल वाले भईय्या कहकर संबोधन करते हैं। उनका यह योगदान हमारे आने वाली पीढ़ियों के लिए अमूल्य वरदान से कम नहीं है जिस तरह से चावी बिना ताला का कोई औचित्य नही होता है , ठीक उसी प्रकार मेडिकल केमिस्ट बिना पूरा अस्पताल स्टाफ अधूरा है। बल्कि इनके अलावा भी कुछ लोग ऐसे हैं जो कोरोना के खिलाफ इस जंग में अपनी बढ़-चढ़कर अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन इन लोगों के बारे में बहुत कम लोग ही बात करते हैं या जानते हैं । मेरे हिसाब से आपके नजर के सामने तो है पर आप इन्हें नहीं जानते जिसे आप सभी को जानना जरूरी है।
जी हां आइए हम बात करते हैं पिछले कई सदियों की जबसे ये हमारे बेहतर स्वास्थ्य हेतु दिन प्रतिदिन खतरा मोल रहे हैं। इनके द्वारा तो जबसे मेडिकल स्टोर्स की स्थापना हुई तबसे उक्त स्टोर्स के संचालक हमारी सेवा प्राण वायु बनकर सदैव करते आ रहे हैं। साहब ये कोई और नहीं बल्कि गांव से लेकर महानगरों में संचालित एक केमिस्ट की मेडिकल दुकान है जिसका संचालक एक आम इंसान ही करता है। दूसरा जहां पर हॉस्पिटल का एक हाउसकीपिंग स्टाफ होता है जो विभिन्न तरह के जैविक सूखा , गिला , सभी तरह के खचरे को सुनियोजित कर डिस्पोज़ करता है। ये दो वर्ग बिना किसी बीमारी से डरे , हाथों में ग्लब्स , और साधारण मास्क पहनकर निडरता के साथ रोजाना अपना कार्य बखूबी आज के परिवेश में निरन्तर निभा रहा है। सियासत राजनीति समाचार (संपादक) की नजर में ये वर्ग भी किसी कोरोना फ़ाइटर से कम नहीं हैं।
खास बात तो यह है कि ये दोनों वर्ग जिस तरह से अपनी जान हथेली पर रखकर प्रतिदिन हर पल , हर घड़ी बेहिचक अपनी सेवा दे रहे हैं। ये इनकी मरीजों के प्रति प्रेम है सेवा भाव ही है। इनके द्वारा जान की बाजी लगाकर रोजाना जो अपनी और अपने परिवार जनों की जान दाव पर लगा रहे हैं सचमुच काबिले तारीफ है ।
क्योंकि यह वर्ग भी हमारी तरह ही एक इंसान है । जब इनके पास मेडिकल में दवाई खरीदने कोई भी मरीज तथा मरीज के परिजन डरा हुआ , परेशान , चिंतित एक पर्ची लेकर पहुंचता है तो , भाई साहब डॉक्टर के अलावा यही दूसरा वर्ग है जो इसे दिलासा देता है और पर्ची में कौन कौन सी दवाई लिखा है यही जानता है । इनकी बुद्धिमता इतनी तीव्र होती है साहब कि सिर्फ डॉक्टर की पर्ची देख कर सभी दवाई आपको ये दे देंगें। सोचनीय है बिना पीपीई किट पहने साधारण मास्क , ग्लब्स , पहने कैमिस्टों द्वारा दवाई वितरण किया जा रहा है वाकई में इनकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है।
जनाब खबरें तो आपने कोरोना से जुड़ी कई तरह तरह की पढ़ी होंगी , देखी होगी और सुनी होगी लेकिन किसी मेडिकल केमिस्ट के बारे में नहीं पढ़ी होगी की निजी अस्पताल तथा सरकारी अस्पताल का विशेषज्ञ एमबीबीएस डॉक्टर मरीज की तकलीफ देखकर जिस तरह से अपनी हैंड राइटिंग का उपयोग कर एक पर्ची पर अंग्रेजी में लिखता है कसम से मैं दावा करता हूँ इनके अलावा कोई दूसरा वर्ग उसे नहीं पड़ सकता । जब हम मेडिकल में इसे लेकर जाते हैं तो सामने अपने मेडिकल स्टोर्स में बैठा केमिस्ट आपसे विनम्रता के साथ बात करते हुए आपके सभी दवाइयां चुटकियों में निकाल कर तुरन्त आपको हाथों में दे देता है। आप उसका मूल्य भी अदा कर देते हैं कई बार ऐसा होता है कि मेडिकल कैमिस्ट के दुकान छोटे होते जहाँ पर काउंटर की वजह से स्पेस भी नहीं रहता । कई बार आपके पास इतने कम पैसे रहते हैं कि वो आपको दवाई उधार में भी दे देता है। यहां तक की वो आपको जानता भी न हो । बिना कोई सवाल जवाब किये वो आपसे सिर्फ इतना कहता है की भाई आप पहले अपने मरीज की जान बचाइए। पैसे बाद में लाकर दे दीजियेगा। आज के दौर में आप हर वर्ग को अपने व्यसाय में चिड़चिड़ाते हुए देखा होगा किंतु यही एक ऐसा वर्ग है जो हज़ारों लोगों को बिना इन्तेजार कराए कम समय में आपको दवाई उपलब्ध कराकर आपसे शालीनता से , विनम्रता , से पेश आता है।
इन्हें सरकार से सिर्फ इतना छूट मिला है कि भईय्या सबकी दुकान बंद रहेगी पर आप लोगों की नहीं आप आपातकालीन सेवा में आते हो । लेकिन कई बार मुझे देखने को मिलता है कई मरीज के परिजन इनसे ही बत्तिमीजी कर बैठते हैं थोड़ा सा इन्तेजार , सब्र नहीं कर पाते , जरा सोचिए आप जैसे रोजाना इनके पास कितने लोग आते होंगे जिसके बाउजूद पूरे देश के कैमिस्ट बिना झुंझलाए अपना धैर्य रखकर आपको अपना कीमती समय देते हुए 24 घंटे आपको अपनी सेवा दे रहे हैं । बातें तो बहुत सी है पर फिर कभी करूँगा। की किस तरह से जनसेवा करते हुए ये स्वंय तथा इनके परिवार कईं गंभीर रोग से ग्रषित होकर अपनी जान दांव पर लगा बैठे हैं। आप सब से अनुरोध है कि इनसे अच्छे से व्यवहार करें धैर्य रखें , समाजिक दूरी में रहकर , इनके पास जब भी आप जाएं तो कोसिस किजीएगा की आपकी वजह से ये संक्रमित न हो इनको तो ये भी पता नहीं होता कि आपने जो पर्ची लाई है उस पर डॉक्टर साहब कौन सी बीमारी पर ये दवाई आपको दे रहे हैं । या यूं कहिये फ्लू की दवाई है या कोई और घातक कोरोना संक्रमण रोग की दवाई। कैमिस्ट लोगो की वजह से ही कई करोड़ो लोगो की जान सुरक्षित है मैं आप सभी इस कार्य से जुड़े लोगों का दिल से धन्यवाद करता हूँ।
सियासत राजनीति समाचार पत्र की तरफ से एक छोटी सी सलाम…….