
◼️भारतीय जनता पार्टी के नेता पर मृतक की पत्नी नें लगाया दलाली कर मामले को रफा दफा करने का आरोप।
◼️राजनांदगांव / खैरागढ़ । इधर करण सुसाइड मामले में अब नया मोड़ आ गया है। मृतक के पत्नी द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर दोषियों पर FIR दर्ज कराने IG और SP को कांग्रेस कमेटी खैरागढ़ शहर के कोषाध्यक्ष व मिडिया संयोजक , ज़फ़र उल्लाह ने ज्ञापन दिया है।
मोनिका बाल्मीकि के पक्ष में अब न्याय दिलवाने नगर के काँग्रेशी नेता भी आगे आ गए हैं , वहीं उक्त पूरे मामले में विपक्ष शुरू से ही पूरे मामले से दूरी बनाए हुए हैं। दूरी अब बनाएंगे भी क्यों नहीं चूंकि मामले में विपक्ष के ही एक चर्चित नेता का नाम मृतक की पत्नी मोनिका बाल्मीकि द्वारा दिये गए शिकायत पत्र में आरोपित कर किया गया है। वहीं भाजपा पार्टी के पांडादाह क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य एवं राजनांदगांव जिला पंचायत सभापति घम्मन साहू का नाम मृतक की पत्नी द्वारा शिकायत पत्र में उल्लेखित करने के बाद अब इस मामले में राजनीतिक रंग चढ़ गया है।
???? मृतक की पत्नि मोनिका बाल्मिक द्वारा राजनांदगांव-पुलिस अधीक्षक के समक्ष दिनाँक 25/05/2021 को लिखित शिकायत की थी। शिकायत पत्र अनुसार खैरागढ़ पुलिस थाना में पदस्थ पुलिस उप-निरीक्षक मनीष शेंडे, सहायक उप-निरीक्षक अनाराम साहू एवं अन्य पांच पुलिस वालों के द्वारा उसके मृतक पति करण बाल्मिक को शराब दुकान के 32 लाख गबन मामले में पूछताछ के नाम पर लगातार प्रताडि़त कर दोनों से बुरी तरह मार-पीट करना बताया है। वहीं उक्त मामले को रफा दफा करने घम्मन साहू द्वारा लांखों रुपये की मांग किया जा रहा था। और इन्ही सब कारणों से मेरे पति ने आत्महत्या की है , ज्ञात हो कि 17 मई को करण ने अपने घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, उस पर शराब दुकान के 32 लाख रुपए गबन के मामले की जांच चल रही थी।
पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज किये जाने हेतु खैरागढ़ शहर कॉंग्रेश कमेटी के मीडिया संयोजक एवं कोषाध्यक्ष जनाब ज़फ़र उल्हाह खान ने मोर्चा खोलते हुए राजनांदगांव जिले के पुलिस कप्तान डी श्रावण तथा दुर्ग रेंज के मुखिया पुलिस महानिरीक्षक को शिकायतकर्ता के आवेदन पत्र में आरोपित लोगों पर उक्त मामले में अपराध दर्ज कर कडी़ कार्यवाही करने हेतु ज्ञापन सौपा है।
???? असल में क्या है मामला :― 32 लाख रुपए के गबन की शिकायत प्लेसमेंट एजेंसी के मैनेजर द्वारा खैरागढ़ थाना में किया गया था।
???? मामले की जांच खैरागढ़ थाना प्रभारी के नेतृत्व में विवेचना अधिकारी अनाराम साहू के द्वारा की जा रही थी, जहां पर उक्त मामले का मुख्य आरोपी अखिलेश सोनी को थाना लाकर कड़ी पूछताछ किया गया था।
???? मामले के मुख्य अभीयुक्त ने लिया था मृतक करण बाल्मिकी का नाम :― मुख्य अभीयुक्त अखिलेश सोनी द्वारा मृतक करण बाल्मिकी को 32 लाख रुपये देना स्वीकार करते हुए मृतक का नाम भी लिया था। जिसके बाद पुलिस अधिकारियों द्वारा पूछताछ के नाम पर मोनिका बाल्मिकी एवं मृतक करण बाल्मिकी को खैरागढ़ थाना बुलाया गया था, जहां पर इनसे पूछताछ के नाम पर बर्बरता के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा , “जैसे कि शिकायत कर्ता के पत्र में उल्लेखित है”, लात ,घूंसे , ज़मीन पर ढुलगा-ढुलगा कर नियम के विपरीत मारपीट किया गया था , जिसके कारण मृतक बेहोश हो गया था। आनन फानन में नगर के सरकारी अस्पताल में उपचार हेतु मृतक को भर्ती भी कराया गया था। चिकित्सकों द्वारा की गई उपचार की पर्ची मृतक के पिता ने सियासत राजनीति न्यूज़ को दिखाई।
???? क्या मृतक करण बाल्मीकि ने नगर के चर्चित चेहरों का भी लिया था नाम ? :― गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक करण बाल्मिकी ने पुलिस वालों द्वारा पूछताछ करने पर नगर के कई चर्चित चेहरों का नाम भी उक्त मामले में उजागर करते हुए इनकी संलिप्तता होना बताया था । किंतु थाना द्वारा मुख्य अभीयुक्त को जेल भेजकर सिर्फ करण बाल्मिकी को गबन की राशि वापस लाने समय देते हुए अन्य को भी छोड़ दिया था , ऐसी जानकारी मिल रही है जो समझ से परेय है।
???? खैरागढ़ थाना प्रभारी के संज्ञान में था उक्त मामला :― गबन की राशी की जांच खैरागढ़ थाना प्रभारी के नेतृत्व में विवेचना अधिकारी अनाराम साहू को दिया गया था। तथा थाने में पदस्थ उपनिरीक्षक एवं पुलिस कर्मियों की सहयोग लेकर मामले में संलिप्त लोगों से गहनता से पूछताछ कि जा रही थी। जहां पर उक्त मामले की जांच कर रहे खैरागढ़ थाना द्वारा मृतक एवं उसकी पत्नी सहित अन्य और भी लोगों को बुलाकर पूछताछ किया गया था ।
???? फिर भाजपा नेता को किसने बुलाया :― संदेह के आधार पर करण से भी पूछताछ की जा रही थी , वहीं मामले की जानकारी किसी के द्वारा पेशे से जो अधिवक्ता भी है, घम्मन साहू तक पहुंची । जिसके बाद वो भी थाने पहुंचे। जहां पर उन्होंने मृतक तथा आवेदिका से बात चीत की थी। किंतु घम्मन साहू का कहना है कि मृतक के परिजन द्वारा ही मुझे थाना बुलाया गया था। जिस पर गबन की राशि मृतक करण बाल्मीकि द्वारा लौटा दिए जाने की बात कहते हेतु मैंने ही टी.आई. से मृतक करण बाल्मीकि को कुछ दिन का समय देकर छोड़ देने का निवेदन किया था। मृतक पैसा लौटना चाहता था। इधर करण ने सुबह आत्महत्या कर ली, जिसके बाद अब परिजनों के द्वारा पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए मुझ पर भी झूठा आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। जो अनुचित है। इधर मृतक के परिजनों का कहना है कि हमने घम्मन साहू को नहीं बुलाया था।
???? मृतक करण बाल्मीकि ने आखिर 32 लाख रुपये का क्या किया :― आपको बता दें कि नगर में स्तिथ खैरागढ़ भारतीय स्टेट बैंक के ए.टी.एम. केयर टेकर के पद पर मृतक कार्य करता था। अखबारों में प्रकाशित खबरों की माने तो मामला ब्याज के धन्धे से जुड़ा बताया जा रहा है। आख़िर मृतक छोटे से पद में रहते हुए लांखों रुपये के ब्याज का धंधा अकेले कैसे कर सकता था। और कब से कर रहा था। ये जांच का विषय है। मामला ब्याज का है या कोई और मामला है।
???? कुछ सुलगते सवाल :― ????
❇️ आखिर मृतक को कौन बार बार मानशिक तौर पर प्रताड़ित कर रहा था।
❇️ क्या मृतक ने कोई सुसाइड नोट छोड़ी थी :― मृतक के पिता का कहना है की पुलिस वालों द्वारा घर से फाइल जप्ती करने के नाम पर ले जाया गया है। जिसमें मेरी बहु मोनिका बता रही थी कि सुसाइड नोट भी था , जिसे जप्ती बनाकर थाना ले गए। पर पुलिस वालों का कहना है कि हमें कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
❇️ मृतक के घर से जप्ती बनाई गई फाइल , आखिर कौन सी फाइल है। परिजन का कहना है कि किसानों से सबन्धित फाइल थी।
⭕ मृतक तो एटीएम केयर टेकर का कार्य करता था फिर किसानों से जुड़ी फाइल उसके पास क्या कर रही थी? कहीं ये फाइल किसानों द्वारा ली जाने वाली केसीसी लोन का तो नहीं है?
❇️ हमने घम्मन साहू से इस मामले में उनका पक्ष जानने फोन किया था. जिस पर उन्होंने बताया कि मेरे साथ बैंक के मैनेजर भी टी.आई. के पास गया था जहां पर उसने बैंक खुलते ही पैसा मिल जाने की बात कही थी। जिस पर टी आई ने मृतक को कुछ दिन समय दे दिया था।
❇️ अब हमारा सवाल ये है कि करण ऐसा क्या काम कर रहा था जिस पर बैंक के मैनेजर ने टी आई को भरोसा दिलाया। कि पैसा बैंक में ही है । लॉक डॉउन हटते ही बैंक खुल जाएगा , पैसे मिल जाएगा आपको। जबकि मृतक के बैंक खाते में इतनी राशि तो था ही नहीं। जो बैंक खुलते ही पुलिस वालों को मिल जाती ।
❇️ क्या अब करण के द्वारा आत्महत्या करने के बाद गबन के बाकी रुपये जप्त हो पाएंगे? करण ने आखिर किस किस को ब्याज में पैसे दे रखे थे? करण के साथ इस खेल में और कौन कौन था? आखिर ये लोग इतने पैसे को क्या करते थे? बिना फायदा के कोई इतना बड़ा रिस्क क्यों लेगा? उक्त मामले में बैंक मैनेजर करण का सपोर्ट करने क्यों गए?
❇️ फिलहाल अभी तक गबन की लगभग 32 लाख रुपये की राशि में से पुलिस के द्वारा कुछ लाख रुपये ही जप्ती बनाया गया है।
❇️ आखिर कौन हो सकता है मृतक को प्रताड़ित करने वाला :― इतना तो तय है कि मृतक ने आत्महत्या उक्त मामले से मानशिक रूप से प्रताड़ित होकर कि है। पर पूरे मामले में गौर किया जाए तो बहुत से पहलू सामने आ रहे हैं।
❇️ हम जनता से पूछना चाहते हैं कि इस खबर को पढ़ने के बाद आप किसे दोषी मांनेगे। खैर….. मृतक को पुलिस परेशान कर रही थी या कोई और ? या उक्त गबन के मामले में संलिप्त कोई व्यक्ति जिसे अपना नाम उजागर होने का डर था। या ये भी हो सकता है की मामले में संलिप्त किसी व्यक्ति के परिजन जो अपने परिजन को बचाने मृतक को बार बार मानशिक तौर पर प्रताड़ित कर पैसे जमा करने का दबाव बना रहा था। जिसके चलते करण बाल्मिकी ने तंग आकर आत्महत्या कर ली।
❇️ अगर पुलिस उक्त मामले के दिन से लेकर मृतक के आत्महत्या करने के दिनाँक तक कि कॉल डिटेल्ड निकालकर इसकी अगर गंभीरता से जांच करती है तो बहुत से खुलासे हो सकते हैं।
❇️ खैरागढ़ थाना प्रभारी ने घम्मन साहू के निवेदन को किस आधार पर और क्यों स्वीकार कर लिया। मामले से जुड़े अभियुक्त को यूं ही कैसे छोड़ दिया।
❇️ जब मुख्य अभीयुक्त अखिलेश सोनी को इसी मामले में जेल भेज दिया गया है। जिसके बयान के आधार पर मृतक पर संदेह करते हुए पूछताछ किया गया था , जिस पर उसने मुख्य अभीयुक्त से 32 लाख ₹ लेना स्वीकार भी कर लिया था। तो फिर इसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया।
❇️ क्या मृतक ने उक्त मामले में संलिप्त और किसी का नाम नहीं लिया होगा? जैसे मुख्य अभीयुक्त अखिलेश सोनी ने अपने बयान में मृतक का नाम लिया था। क्या मृतक नें अन्य लोगों का नाम नहीं लिया होगा ?
???? अब देखना ये है कि मामले की जांच कर रहे पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा जांच रिपोर्ट में किसे दोषी ठहराया जाता है।। ???? —————————————————————————