बढ़ी खबर… अंततः 2 महीनों बाद भाजपा के क़द्दावर नेता विक्रांत सिंह को मिली अग्रिम जमानत।
क्या था मामला:- आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में भाजपा के डेढ़ दर्जन नेताओं पर हुई थी एफआईआर दर्ज।
खैरागढ़: खैरागढ़ से एक बड़ी खबर सुनने को मिल रही है। अंततः 2 महीनों बाद भाजपा के क़द्दावर नेता विक्रांत सिंह एवं उनके समर्थकों को उच्च न्यायालय बिलासपुर से अग्रिम जमानत मिल चुकी है। यह जानकरी उनके करीबी वकील घममन साहू ने सियासत राजनीति न्यूज़ को सर्वप्रथम दूरसंचार के माध्यम देते हुए यह जानकारी दी है। यह खैरागढ़ भाजपा पार्टी के लिए एक राहत देने वाली खबर है। फिलहाल उक्त मामले में अग्रिम जमानत लेने हेतु भाजपाइयों को लगभग 2 महीने का समय लग गया। खैर देर आये दुरुस्त आये।
ये था पूरा मामला― खैरागढ़ नगर पालिका परिषद के चुनाव के मतगणना के दौरान मतगणना स्थल पर बलात प्रवेश और तोड़फोड़ किए जाने के मामले में 10 भाजपा नेताओं के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज किया गया था। इन नेताओं के खिलाफ अश्लील गाली गलौच, तोड़फोड़ और शासकीय कार्य में बाधा डालना सहित आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में कार्रवाई हुई थी।
क्या था विवाद का जड़― खैरागढ़ नगर पालिका परिषद के वार्ड क्रमांक 4 में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी के बीच 387-387 का बराबर मत मिलने से यहां रिकाउंटिंग की गई थी। रिकाउंटिंग में 1 वोट से कांग्रेस प्रत्याशी सुमित टांडिया की जीत हुई थी एवं भाजपा प्रत्याशी कैलाश नागरे को शिकस्त मिला था। इस रिकाउंटिंग में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए बड़ी संख्या में भारतीय जनता पार्टी के नेता बलपूर्वक मतगणना स्थल पर घुस आए और समीप ही रखी कुर्सियों में तोड़फोड़ कीया गया था। वहीं इस मामले में पुलिस ने जिला पंचायत के उपाध्यक्ष वरिष्ठ भाजपा नेता विक्रांत सिंह सहित 10 भाजपा नेताओं के खिलाफ नामज़द एफआईआर दर्ज किया था।
इन धाराओं के तहत हुई थी अपराध दर्ज―
उपरोक्त नेताओं के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज किए गए थे। उक्त मामले को लेकर राजनांदगांव तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रज्ञा मेश्राम ने कहा कहा था, कि सहायक रिटर्निंग ऑफिसर के द्वारा प्रतिवेदन दिया गया था जिसमें भाजपा नेताओं के खिलाफ धारा 188, 451, 186, 147, आईपीसी का अपराध दर्ज किया गया है, वहीं दूसरे एफआईआर में अश्लील गाली गलौज और तोड़फोड़ के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है।
ऐसे दर्ज कराया था विरोध―
रिकाउंटिंग के दौरान सामने आए रिजल्ट से मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाकर भाजपा नेताओं ने मतगणना स्थल के सामने ही धरना बैठ कर नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था। जिससे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हुआ था। पुलिस ने भाजपा नेताओं को रोकने की पुरजोर कोशिश की थी किंतु मतगणना स्थल पर भाजपा नेता अंततः प्रवेश कर ही गए थे। जिसके पश्चात भाजपाइयों द्वारा मतगणना स्थल पर हंगामा, गाली गलौच और तोड़फोड़ किए जाने के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया था। तो वहीं दूसरा एफआईआर सहायक रिटर्निंग ऑफिसर के माध्यम से दर्ज कराया गया है। विक्रांत सिंह सहित लगभग 10 भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर होने के बाद वीडियो फुटेज के आधार पर कुछ और नेताओं के खिलाफ एफआईआर की जाने की सुगबुगाहट भी थी। गैर जमानती धाराओं के तहत दर्ज की गई इस एफआईआर से खैरागढ़ की सियासत काफी गरमा चुकी थी। वहीं इस एफआईआर के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के द्वारा आंदोलन का रुख अख्तियार किया गया था।