आज भी इंसानियत जिंदा है,…….. आख़िर कौन है ये युवा दंपत्ती जिनके बारे में आप भी जानोगे , तो इनकी जमकर करेंगे आप भी तारीफ।
ग्राम के गरीबों तथा संक्रमितों की बेहिचक कर रहे ये दंपत्ति सहायता…
नितिन कुमार भांडेकर। 9589050550
खैरागढ़ / पांडादाह । मेरा गांव भी संक्रमण की चपेट से अब अछूता नहीं रहा। संक्रमण से ग्राम में अब पहली मृत्यु हो चुकी थी , दुर्भाग्य से वो हमारे ग्राम के सुप्रसिद्ध भगवान जग्गनाथ मंदिर के पुजारी जी थे। इस घटना के बाद से ही ग्राम में सभी ग्रामीण काफी डर गए थे तथा एहतियात के तौर पर अब अपने घरों से निकलना भी बन्द कर दिए थे।। इसी दौरान एक मार्मिक सहानुभूति घटना घटी जिसका मैं प्रत्यक्ष दर्शी था। ……………
एक रोज सुबह मैं अपने कार्य से बाजार जा रहा था , तभी अचानक मैंने देखा कि मंदिर जाने के रास्ते से पहले स्तिथ स्कूल के सड़क पर कोई व्यक्ति अपने दोनों हाथों में थर्मस, चाय तथा टिफिन में नास्ता और बच्चों के खाने पीने की कुछ सामान लेकर कहीं जा रहा है। मैं ठीक उसके पीछे ही था और उसे जोर से आवाज लगाई, जिस पर वो वहीं पर रुक गया। मैंने उनसे पूछा……? पूरा गांव अपने घरों पर है और आप कैसे! मान्यवर, कहाँ घूम रहे हो? जैसे ही उन्होंने मुझे देखा तो थोड़ा घबराते हुए कहते हैं , कुछ नहीं कुछ सामान लेने गया था वहीं से आ रहा हूँ। मुझे यकीन नहीं हुआ क्योंकि लॉक डॉउन के कारण सभी दुकान बन्द थी। मैंने उन्हें समझाइस देते हुए घर पर रहने की सलाह दे डाली। और मैं वहां से थोड़ा दूर जाके आगे बढ़ने का नाटक किया। उनके जाने के बाद मैं ठीक उनके पीछे रहकर देखता रहा। मुझे उन्हें देख कर ये तो एहसास हो गया था कि ये सब सामग्री वो किसी ग्रामीण को देने के लिए ही कहीं जा रहे हैं। पर मेरी जानने की उत्सुक्ता थी आख़िर ये रसद की सामग्री और चाय किसके लिए लेकर जा रहे हैं।
कुछ ही देर बाद देखा कि वो भगवान जगन्नाथ मंदिर जाने के रास्ते में मुड़ गए। जहां पर वह व्यक्ति पुजारी के परिवार जनों से दूर में खड़े होकर हाथ जोड़कर बात कर रहे थे। मैं पीछा करते उन तक पहुंच गया, जब मैं करीब पहुंचा तो देखा कि पुजारी के पुत्र , पुत्र वधु, नातिन , और उनकी पत्नी भी वहां पर उपस्थित थे। संक्रमण से पुजारी जी की मृत्यु क्या हुई थी उनके परिवार पर आफत आन पड़ी थी। घर पर जरूरी खाने के समान नहीं थे साथ ही वैष्णव धर्म के हिन्दू रीति रिवाज के चलते घर पर चूल्हे में आग भी नहीं जला सकते थे। विषम परिस्थितियों से गुजर रहे परिवार की मदद करने पहुंचे उस व्यक्ति को देखकर मुझे काफी खुशी हुई कि , इस परिवार की फिक्र करने वाला कोई तो नेक इंसान है ? जो अपनी इंसानियत दिखाते हुए इस गरीब परिवार की ओर मदद का हाथ बढ़ाते हुए इनकी सुध तो ले रहा है।
जबकि यहाँ के हालात ऐसे थे की अपने सगे सबंधी तो छोड़ो यहाँ के सरपंच एवं बाकी अन्य लोग भी इनकी शोर खबर नहीं ले रहे थे। यहाँ तक इस मोहल्ले के आस-पास के ग्रामीण जन भी उस मकान के रास्ते से गुजरना बन्द कर दिए थे।
जहां पर इस युवा द्वारा शोकाकुल परिवार के लिए कुछ खाद्य समाग्री , चाय बिस्किट , और नास्ता लाया गया था। खैर…. मुझे देख कर सभी मौन हो गए । मेरी आँखों से उस वख्त अदृश्य आँशु प्रवाह हो गए। मैं यह सब दृश्य देख कर सोचने लगा कि समाजिक दूरी चाहे कितनी भी हो, पर इंसानियत की दूरी हमें नहीं रखनी है। इन्हें देखकर ऐहसास हुआ कि इंसानियत आज भी जिंदा है। मैंने उस परिवार के लोगों से कहा कि कोई भी समस्या हो तो मुझे भी जरूर बताईयेगा । और वहां पर से ज्यादा कुछ बात न करते हुए मैं वापस हो ही रहा था कि, देखा उस व्यक्ति की अर्धांगिनी भी उनके पीछे पीछे पैदल आ ही रही थी । वो भी कुछ सामान अपने आँचल में छुपाते हुए लेकर आ रही थी। हालांकि ये वाकया को बीते कई दिन हो चुका है। मैं उस परिवार की विषम परिवेश में मदद कर रहे इस युवा दंपत्ति की यह जानकारी सार्वजनिक करना नहीं चाहता था। पर आज के वर्तमान परिवेश को देखते हुए मुझे यह जरूरी लगा। शायद ग्रामीणों में इस खबर को पढ़ कर एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति के भाव तो उतपन्न होगी। यदि किसी भी व्यक्ति का हृदय इस खबर को पढ़कर एक दूसरे के प्रति मदद की सहानुभूति जागती है , तो मैं समझूँगा की मेरा लिखना सार्थक हो गया।
आप सभी मेरी खबर पर लगी इस दंपत्ति की फ़ोटो देखकर जान ही गए होंगे। ये वर्तमान में कॉग्रेश पार्टी के डोंगरगढ़ विधानसभा के विधायक प्रतिनिधि आरती रिंकू महोबिया हैं जो पूर्व में इस ग्राम के सरपंच भी थे। आज भी यह युवा दंपत्ति अपने ग्राम के प्रति ,जिम्मेदारियों को समझते हुए बर्तमान हालात को गंभीरता से लेते हुए अपना इंसानियत होने का धर्म निभा रहे हैं। इनके द्वारा प्रतिदिन ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों तथा उपसरपंच के साथ ग्राम का निरीक्षण कर युवाओं , माताओं , बहनों, एवं बुजुर्गों को कोरोना संक्रमण से बचने के उपाय , एवं कोविड संक्रमण से बचने हेतु कोवैक्सीन लगवाने हेतु प्रत्येक वार्ड के घर में जाकर ग्रामीणों को जागरुक कर रहे हैं। इस कोरोना काल में ग्रामीणों को बताया जा रहा है कि आप सभी कोवेक्सिन का टीका जरूर लगाएं , इसे लगाने से कोई हानि नहीं होती है। अफवाहों पर बिल्कुल भी ध्यान न दें हमने भी लगवाया है। और हम स्वस्थ हैं।
सियासत राजनीति इन युवा दंपत्ती के इस कार्य की तहेदिल से सराहना करती है।