*उपवनमण्डल कटघोरा के एसडीओ प्रहलाद यादव का तगड़ा पहुँच…!तत्कालीन रेंजर रहने के दौरान किये गए भ्रष्ट्राचार का जांच रिपोर्ट सीसीएफ व पीसीसीएफ को महीने पूर्व भेजे जाने के बाद भी जमे है अंगद के पांव की तरह, सरकार की हो रही जमकर किरकिरी*
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*कोरबा/कटघोरा:-* वनमंडल कटघोरा के उपवनमण्डल में पदस्थ एसडीओ प्रहलाद यादव द्वारा केंदई व पाली रेंज में तत्कालीन रेंजर रहने के दौरान भ्रष्ट्र कार्यों को जमकर अंजाम दिया गया जहाँ जंगल मे निर्माण कराए गए चेकडेम, स्टापडेम, पुल- पुलिया, पहुँचमार्ग, तालाब निर्माण, पौधारोपण जैसे कार्यों पर अपना पाकिट भरते हुए उक्त विभिन्न कार्यों का बंटाधार कर दिया तथा राजनीतिक संरक्षण में कुछ नही बिगड़ने का दम्भ भरने वाले उक्त एसडीओ के कृत्यों की डीएफओ द्वारा जांच कराकर और प्रतिवेदन सीसीएफ व पीसीसीएफ को महीने पूर्व भेजे जाने के बाद भी अंगद के पांव की तरह जमे रहना उनको मिल रहे राजनीतिक संरक्षण की ओर साफ तौर पर इंगित करता है।
पता हो कि पाली वनपरिक्षेत्र के बतरा सर्किल अंतर्गत वनांचल ग्राम कोडार के आश्रित दुमदुमी गांव से कुछ दूरी पर कक्ष क्रमांक- 109, बेसराबहार नाला में जंगली जानवरों के पानी पीने, उनके संवर्धन के लिए वन्य जीवों के संरक्षण और विकास योजना के तहत वर्ष 2019 में पाली के तत्कालीन रेंजर प्रहलाद यादव को तालाब निर्माण की मंजूरी कटघोरा वनमंडल से मिली थी जिसके निर्माण में उक्त अधिकारी ने व्यापक तौर पर भ्रष्ट्राचार को अंजाम दिया फलस्वरूप लाखों की लागत से निर्मित तालाब 3 माह भी नही टिक पाया और पहली ही बारिश में पानी के बहाव से तालाब का मेढ़ फूटकर बह जाने से उसमें बाल्टी भर पानी भी नही रुक पाया।मामले को खबर के माध्यम से सामने लाया गया जिस पर संज्ञान लेते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव सुमित दुहलानी द्वारा कटघोरा वनमंडलाधिकारी श्रीमती शमा फारुखी से लिखित शिकायत कर जांच एवं उचित कार्यवाही किये जाने मांग किया गया था।शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डीएफओ श्रीमती शमा फारुखी ने जांच का जिम्मा पाली उपवनमंडलाधिकारी यदुनाथ डड़सेना एवं रेंजर केदारनाथ जोगी को सौपा जिन्होंने मौके पर जाकर इस तालाब की जांच की तब उन्हें ना तो पूरा तालाब मिला और ना ही तालाब में पानी।तालाब का पानी उसे बनवाने वाले अधिकारी- कर्मचारी ही पी गए थे।जांच टीम ने निर्माण स्थल का मुआयना, माप पुस्तिका और परियोजना प्रतिवेदन का अध्ययन करके 09 बिंदुओं में अपनी जांच रिपोर्ट वनमंडलाधिकारी को सौंपी जिसमें उल्लेख किया गया था कि तालाब का निर्माण आधा- अधूरा किया गया है जिसमे बोल्डर पिचिंग के साथ निकासी नाली में कांक्रीट का काम ही नही किया गया इसके अलावा मिट्टी का काम भी नही हुआ है।रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया था कि इसे निर्माण करवाने वाले तत्कालीन रेंजर प्रहलाद यादव ने फर्जी प्रमाणक पेश कर धनादेश भी प्राप्त कर लिया है।जांच अधिकारियों द्वारा वर्तमान कटघोरा एसडीओ श्री यादव, वनक्षेत्रपाल प्रमोद मिश्रा, वनपाल परिक्षेत्र सहायक बतरा एवं वनरक्षक राजकुमार दुबे को जिम्मेदार मानते हुए जांच रिपोर्ट वनमंडलाधिकारी श्रीमती फारुखी को सौंप दी थी जिसके आधार पर डीएफओ द्वारा कार्यवाही किये जाने की सिफारिश के साथ जांच रिपोर्ट सीसीएफ व पीसीसीएफ को माह भर पहले भेज दी गई है।लेकिन आज पर्यन्त तक इस भ्रष्ट्राचार के मामले में कोई भी कार्यवाही देखने को नही मिली।बताया जाता है कि एसडीओ प्रहलाद यादव मध्यप्रदेश शासनकाल के दौरान कांग्रेस सत्ता में वनमंत्री रहे स्व. श्री बीआर यादव के रिश्ते में दामाद लगते है और वर्तमान कांग्रेस सत्ता में भी इसी का लाभ लेकर वे राजनीतिक संरक्षण के दम पर अपना पांव मजबूती से जमाए हुए है जिसके कारण शासन की जमकर किरकिरी हो रही है।