नगर की सड़क देखकर सांसद, विधायक और कलेक्टर को नहीं आती शर्म, सड़क नहीं बनवा सकते तो गड्ढे तो पटवा दो, जनता की जान जाने के बाद ही जागोगे क्या ?
अलोचनात्म व्यंग्य :―
व्यंग्यकार : नितिन कुमार भांडेकर ( एक अमुख जिला पर अलोचनात्मक व्यंग्य )
अंतर्राज्यीयराजमार्ग सहित नगर की हालत बद से बदतर हो चुकी है। सड़क पर जानलेवा गड्ढों ने राहगीरों का चलना मुश्किल कर दिया है। बावजूद इसके सांसद , विधायक और कलेक्टर को शर्म नहीं आ रही है। मीडिया में रोजाना खबरें प्रकाशित की जा रही है पर सांसद , विधायक और कलेक्टर को शर्म नहीं आ रही है। वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो रहे है लेकिन सांसद ,विधायक और कलेक्टर को शर्म नहीं आ रही है। आखिर आयेगी भी क्यों शर्म, सड़क पर तो आम जनता चलती है उन्हें तो ऐसी वाले लग्जरी कारों में चलना है। उनको जनता के परेशानियों से क्या लेना देना। कोई गिरे या मरे वो तो सुरक्षित है। उनका परिवार तो सुरक्षित है।लेकिन सांसद , विधायक , सीएमओ , एसडीएम , कलेक्टर साहब आपको पता होना चाहिए यही जनता की वजह से आप ऐशो आराम की जिंदगी जी रहे है जिस दिन ये जनता अपने में आ गई ना आपकी कुर्सी रहेगी ना ही आपकी पदवी रहेगी , तो अभी भी मौका है अपने कार्यप्रणाली में सुधार कर ले और अपना कार्य ईमानदारी पूर्वक निभाये।
नगर के हवाई जहाज चौक से बाजार के चौक तक सड़कों पर जानलेवा बड़े -बड़े गड्ढे बन गये है। भीमकाय वाहनों के प्रतिदिन गुजरने से सड़क की हालत बेहद खराब हो गई है। टेंपू चौक से चौरा तक तथा उक्त इस मार्ग पर बैंक , पेट्रोल पंप , सब्जी मंडी , कपड़े की दुकान , होटल , मोबाइल दुकान , किराना दुकान , नर्सिंग होम , सहित कई शैक्षणिक संस्थान संचालित हैं।
▪️रोजाना जनप्रतिनिधि और अधिकारियों का आना – जाना भी होता है, लेकिन सड़क की हालत को लेकर किसी प्रकार का कदम नहीं उठाया जा रहा है। दरअसल, बरसात पूर्व छोटे – छोटे गड्ढों की मरम्मत नहीं होने और उन गड्ढों में बरसात का पानी भरने से वे गड्ढे अब बड़े – बड़े गड्ढों में तब्दील हो गए हैं, जिससे दो पहिया वाहन चालक गिरकर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। नगर में रोजाना इस मार्ग में कोई न कोई वाहन चालक एवं राहगीर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं, लेकिन नगरीय प्रशासन सड़क की बदहाली को सुधारने में कोई रूचि नहीं ले रहा है। ना ही जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद , विधायक इस पर कोई ध्यान दे रहे हैं। जिसके चलते यहां आए दिन बड़ी दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है।
▪️सांसद से अच्छा गांव का पंच, कम से कम चेहरा तो दिखाता है :― जिले के सांसद से अच्छा गांव का पंच है भले ही कोई काम ना कराये लेकिन जनता के सुखदुख में शामिल जरूर होता है। रोज चेहरा जरूर दिखाता है लेकिन हमारे सांसद तो पंच से भी गये गुजरे है अपने पार्टी के कार्यकताओं को छोड़कर आम जनता के समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है। ना ही चेहरा दिखाना है और ना ही जनहित से जुड़ी समस्यओं का निराकरण करने में रूचि लेनी है। नगरवासी अपना बहूमूल्य वोट देकर एक ऐसे व्यक्ति को सांसद बना बैठे है जिसको जिले से कोई मतलब ही नहीं।
▪️केवल अखबारों की सुर्खियां बटोर रहे कलेक्टर:―
जब से आये है तब से कलेक्टर साहब जिले में केवल अखबारों की सुर्खियां बटोर रहे है जमीनी हकीकत से उन्हें कोई मतलब नहीं है राष्ट्रीय हो या अंतरराज्यीय राजमार्ग , में जानलेवा गड्ढे बन गये है रोजाना वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। लेकिन साहब अपने में मस्त है। सड़क जब बनेगी तब बनेगी लेकिन गड्ढों को पटवाकर राहगिरों की परेशानी कम की जा सकती है लेकिन कलेक्टर साहब कोई ध्यान नहीं दे रहे है। क्योंकि उनके लग्जरी वाहन इन बड़े-बड़े गड्ढों में भी मक्खन की तरह चलती है तो सड़क की दुर्गति उनको नहीं दिखती। आज आने वाले थे पर शायद प्रोग्राम केंसल हो गया। इसी वजह से सड़क पर बने गड्ढों को पाटा नहीं जा रहा है।