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व्यंग्य बाण – एक इंस्टा पेज से हिले जिले के पत्रकारों के होश!

आजकल लोग टीवी से ज्यादा इंस्टाग्राम, फेसबुक और एक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर अपनी ढाई ग्राम की मेमोरी में खबरें अपलोड कर अपडेट हो रहे हैं। लेकिन सोशल मीडिया के इस बढ़ते मकड़जाल ने जिले के वरिष्ठ कलमकारों की नींद उड़ा दी है।

सुबह की अख़बार या चैनलों से पहले, जिले की हर बड़ी ख़बर को एक इंस्टाग्राम पेज सबसे पहले ब्रेक कर देता है। अब आलम यह है कि इस इंस्टा पेज की पोस्ट पर मिलने वाले हजारों लाइक्स और लाखों व्यूज़ देखकर स्थानीय फेसबुकिया पत्रकारों और नए-नवेले यूट्यूब चैनल वालों के दिलों पर सांप-नेवले एक साथ दौड़ रहे हैं।

कम लाइक और सब्सक्राइबरों के संकट से जूझ रहे कुछ स्वयंभू मीडिया योद्धाओं ने इस इंस्टा पेज के खिलाफ बाकायदा मोर्चा खोल दिया है। अपनी असफलता का ठीकरा इस पर फोड़ते हुए, वे इसे जबरदस्ती पत्रकार का दर्जा देने पर तुले हैं—मानो किसी की लोकप्रियता पर सरकारी सील लगवाए बिना उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी!

अब हाल ये है कि जिनकी ख़बरें पहले सुर्खियाँ बटोरती थीं, वे अब अपनी पहचान बचाने के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं। मेहनत कोई करे, लेकिन लाइमलाइट इंस्टा पेज का ‘भाई साहब’ लूट ले जाए—ये बात उनके गले से नीचे नहीं उतर रही। बेचारे, अपने ही पेशे में ‘ट्रेंडिंग’ होने के लिए तरस रहे हैं!

Siyashat
Author: Siyashat

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